दिल्ली: दिल्ली में सरकार बदलते के साथ ही यमुना के कायाकल्प का काम ग्राउंड लेबल पर शुरु हो गया है. इसकी जिम्मेदारी दिल्ली के अतिरिक्त मुख्य सचिव नवीन चौधरी को दी गई है. उनकी अगुवाई में अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम मैदान में उतर चुकी है. दावा किया जा रहा है कि अगले तीन महीने के अंदर दिल्ली में यमुना की सफाई हो जाएगी. अधिकारियों के मुताबिक यमुना में से गाद निकालने का काम शुरू हो गया है. गाद को सुखाकर इसका इस्तेमाल दिल्ली में सड़कें बनाने में किया जाएगा. इस मौके पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि जिस तरह से काम शुरू किया गया है, उम्मीद है कि अगले तीन साल के अंदर यमुना की सफाई का काम पूरा हो जाएगा. उन्होंने बताया कि यमुना की सफाई के लिए वीड हार्वेस्टर समेत 7 बड़ी मशीनें उतारी गई हैं. इन मशीनों की मदद से महज कुछ ही घंटों में 2.5 टन से अधिक कचरा बाहर निकाला जा सकता है. उन्होंने बताया कि यह सभी मशीनों अत्याधुनिक हैं.

यमुना की सफाई में भी योगी मॉडल
इस समय महाकुंभ का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. यह वीडियो वीड हार्वेस्टर मशीन का है. यह मशीन गंगा की सफाई का काम कर रही है. मशीन की मदद से गंगा में बहाया गया फूल, नारियल एवं अन्य सामान को सहज तरीके से छानकर निकाला जा रहा है. दिल्ली के अतिरिक्त मुख्य सचिव नवीन चौधरी के मुताबिक दिल्ली में यमुना की सफाई के लिए भी, इसी मशीन को उतारा गया है. इस मशीन को देखकर लोग इसे दिल्ली में योगी मॉडल कह रहे हैं.

यमुना की सफाई में पानी की तरह बहा पैसा
बता दें कि यमुना की सफाई के संबंध में 22 मार्च 2022 में दिल्ली विधानसभा में सवाल पूछा गया था. इसके जवाब में दिल्ली सरकार के मंत्री ने जबाव दिया था कि साल 2017 से 21 के बीच यमुना की सफाई पर 6856.91 करोड़ रुपया खर्च हुए. यह अलग बात है कि इतने खर्च के बाद भी कोई असर नजर नहीं आया.

गाद को रिसाइकिल कर होगा इस्तेमाल
एसीएस के मुताबिक यमुना की सफाई के दौरान बड़े पैमाने पर गाद निकलने की संभावना है. योजना के मुताबिक इस गाद को कहीं फेंका नहीं जाएगा. बल्कि इसे छानकर और सुखाकर इसका इस्तेमाल सड़क बनाने में किया जाएगा. उन्होंने बताया कि दिल्ली में सड़कों के निर्माण के लिए काफी मिट्टी की आवश्यकता होती है. यह मिट्टी दूर दूर से लाई जाती है, लेकिन इस गाद के सूखने के बाद मिट्टी की जगह इसका ही इस्तेमाल किया जाएगा.