नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 18 लोगों के जान जाने के दो दिन बाद सोमवार को रेलवे प्रशासन की नींद टूटी और भीड़ प्रबंधन के इंतजाम किए गए। इसमें बिना टिकट के स्टेशन पर प्रवेश पर रोक के साथ प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया है।

प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों के लिए अलग से प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। जगह-जगह बैरिकेड्स से भीड़ को नियंत्रित किया जा रहा है। ट्रेनों का इंतजार कर रहे यात्रियों के लिए अलग से अस्थायी प्रतिक्षालय का निर्माण किया गया है। फुट ओवरब्रिज पर अनावश्यक रूप से लोग खड़े न हों, यह देखने के लिए टीमें गठित की गईं। प्रयागराज जनरल टिकट वाले यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर प्रवेश करने के लिए लगा बोर्ड।

यात्रियों को लाइनों में लगवाकर दी जा रही एंट्री
यात्रियों को स्टेशन के साथ ही प्लेटफॉर्म से ट्रेन में कतारबद्ध कर प्रवेश दिया जा रहा है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सीसीटीवी निगरानी को भी बढ़ा दिया गया है। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) व सीआरपीएफ के साथ दिल्ली पुलिस ने स्टेशन पर अतिरिक्त कर्मी तैनात किए हैं। प्रयागराज जाने के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म पर प्रवेश के लिए कतार में खड़े यात्री।

ये कदम भी उठाए
भीड़ बढ़ने पर एक सीमा से ज्यादा प्लेटफॉर्म टिकट भी नहीं दिए जाएंगे।
अनावश्यक भीड़ से बचाने के लिए टिकट देखकर ही यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर प्रवेश की अनुमति होगी।
स्टेशन पर यात्रियों के सीढ़ियों और लैंडिंग क्षेत्रों में बैठने पर अंकुश लगाया जाएगा।
बढ़ाए गए सुरक्षाकर्मी, कतार लगवाकर ही लोगों को स्टेशन व ट्रेन में करवाया जा रहा प्रवेश
फुट ओवरब्रिज पर लोगों को खड़े होने की अनुमति नहीं, आपातकालीन दल तैयार
ट्रेन के प्रस्थान के अनुसार ही यात्रियों को अब प्लेटफॉर्म पर प्रवेश करने की दी जाएगी अनुमति

भगदड़ में हुई थी 18 लोगों की मौत
उल्लेखनीय है कि शनिवार को कुंभ जाने के लिए अधिक लोगों के पहुंचने व रेलवे प्रशासन की गंभीर लापरवाही से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 14 व 15 पर मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई थी और 25 से अधिक लोग घायल हुए थे।

सोमवार से दिखे सुरक्षा के खास इंतजाम
इसके बावजूद रविवार को स्टेशन पर व्यवस्था सुधार में कोई खास इंतजाम नहीं दिखाई दिए थे, जिसके चलते दूसरे दिन भी प्रयागराज को जाने वाली ट्रेनों को लेकर मारमारी देखने को मिली थी। सोमवार को यह तस्वीर बदली नजर आई। स्टेशन के बाहर से लेकर अंदर तक सुरक्षाकर्मियों की अधिक तादाद भीड़ प्रबंधन में जुटी दिखी।

बैरिकेडिंग कर लोगों को स्टेशन के बाहर से ही कतारबद्ध कर अंदर भेजा जा रहा था। जनरल टिकट वालों को प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर जाने के लिए गेट नंबर 12 से प्रवेश दिया जा रहा था। रविवार को ही रेलवे प्रबंधन ने घोषणा की थी, प्रयागराज को जाने वाली सभी ट्रेनें प्लेटफॉर्म नंबर 16 से जाएंगी। इससे संबंधित बोर्ड जगह-जगह लगाए गए हैं।

हेल्प डेस्क भी बनाए गए
इसी तरह लोगों के लिए स्टेशन के बाहर अस्थायी प्रतिक्षालय का निर्माण किया गया है। विश्राम शिविर में ही हेल्प डेस्क भी बनाए गए हैं। स्टेशन पर बिना टिकट वालों को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा था।

प्लेटफॉर्म पर ट्रेन के खड़ी होने के बाद लोगों को कतारबद्ध कर उसमें प्रवेश दिया जा रहा था। स्टेशन परिसर में भीड़ प्रबंधन के सवाल पर आरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब बिना वैध कारण के किसी को भी फुट ओवरब्रिज पर खड़े होने की अनुमति नहीं दी जा है।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को माइक से बोलकर भीड़ को नियंत्रित करता रेलवे पुलिसकर्मी।
प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए सोमवार को रेलवे ने नई दिल्ली से चार और कुंभ स्पेशल ट्रेनों को रवाना किया। ट्रेन नंबर 04028 नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से शाम पांच बजे रवाना हुई, जो गाजियाबाद, मुरादाबाद, बरेली, लखनऊ, रायबरेली होते हुए फाफामऊ (प्रयागराज) तक जाएगी।

इसी तरह, ट्रेन नंबर 04030 भी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से शाम सात बजे रवाना हुई, वह भी फाफामऊ तक जाएगी। ट्रेन नंबर 04032 नई रात्रि नौ बजे रवाना हुई। जबकि, एक ट्रेन नंबर-04034 आनंद विहार से फाफामऊ के लिए रवाना हुई।

दो और मरीजों को अस्पताल से मिली छुट्टी
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में घायल हुए दो और मरीजों को लोकनायक अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। एक अन्य मरीज जो पारिवारिक कारण बताकर बिना उपचार कराए अस्पताल से चला गया था, दोबारा भर्ती हेा गया है। उसे आर्थोपेडिक विभाग में रखा गया है। जहां उसका उपचार चल रहा है।

बता दें कि शनिवार रात कुंभ जाने के लिए ट्रेन पकड़ने पहुंचे लोगों की भीड़ के अनियंत्रित होने से भगदड़ मच गई थी। इसमें 18 लोगों की मौत हो गई थी। कई लोग घायल हुए थे। इनमें 12 को लोकनायक अस्पताल की इमरजेंसी में उपचार के लिए लाया गया था। इनमें दो मरीज भाग गए थे। दो की हालत गंभीर होने पर उन्हें भर्ती किया गया। दो को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।

पांच मरीज बगैर उपचार लिए मर्जी से अस्पताल से चले गए थे। गंभीर हालत में एक महिला मनीषा और युवक शिवम शुक्ला को भर्ती कराया गया था। ऑर्थोपेडिक विभाग में उपचार चल रहा था। 
सोमवार को दोनों मरीजों की हालत स्थिर होने पर उन्हें छ्ट्टी दे दी गई। बिना उपचार के गया एक मरीज शैलेंद्र वापस अस्पताल आ गया। उसने बताया कि उसकी पत्नी को कैंसर है और बच्ची अकेली रहती है।