छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थल मैनपाट के टाइगर पाइंट पर एक दर्जन झोपड़ीनुमा दुकानों में आग लगने की घटना के बाद दुकानें जलकर राख हो गई। आग की लपटें पास के जंगल तक भी पहुंचने लगी थी। हालांकि, समय रहते आग पर काबू पा लिया गया था। इस घटना में दुकानदारों को बड़ा नुकसान हुआ है।

बता दें, मैनपाट टाइगर पाइंट काफी मशहूर पर्यटन स्थल है और यहां आने वाले सैलानियों के लिए लोगों ने झोपड़ीनुमा दुकानें खोलकर रखी थी। इन दुकानों में सैलानियों के लिए खाने-पीने के सामानों की बिक्री की जाती थी। कुछ दुकानों में होटल भी संचालित की जाती थी।

कैसे लगी आग?
होली की रात लगभग 12 बजे अचानक इन दुकानों में आग लग गई। दुकानें लकड़ी की थीं इसलिए आग तेजी से फैल गई और एक-एक कर सभी दुकानें जलकर राख हो गई।

हालांकि, आग लगने की सूचना पर दुकानदार, स्थानीय लोग और कमलेश्वरपुर पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंच गई थी। लेकिन आग इतनी भयानक थी कि खड़े होकर देखने के अलावा और कोई उपाय नहीं था।

झोपड़ीनुमा दुकानों में लगी आग धीरे-धीरे जंगल की ओर बढ़ने लगी थी। लेकिन समय रहते आग को नियंत्रित कर लिया गया था। इस घटना में राजाराम यादव, अनिल यादव, जमुना यादव, कैलाश यादव, बिंदा यादव, सुमेद यादव, गोस्वामी यादव, सोनू यादव, शिवकुमार यादव की दुकानें जल गई हैं।

क्यों मशहूर है मैनपाट टाइगर पाइंट?
ऐसी आशंका जताई जा रही है कि होली के दिन असमाजिक तत्वों द्वारा दुकानों में आग लगाई गई है। अब दुकानदारों के सामने नए सिरे से झोपड़ियों को तैयार करने की चुनौती होगी। बता दें, मैनपाट का टाइगर पाइंट झरना और हरे-भरे जंगल के लिए मशहूर है।