‘सिर्फ बयानबाजी से काम नहीं चलेगा’ – सिंधु जल संधि पर सरकार से खरगे का सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार से 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने पूछा कि यदि भारत सिंधु का पानी रोकता है, तो उसे स्टोर कहां करेगा, क्या देश के पास इतने बड़े बांध मौजूद हैं? खरगे ने यह भी कहा कि कांग्रेस राष्ट्र की एकता और सुरक्षा के लिए सरकार के साथ खड़ी है, लेकिन यह जरूरी है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों. खरगे ने कहा कि यदि आप (सरकार) पानी रोकने का निर्णय लेते हैं, तो आप इसे कहां संग्रहित करेंगे? क्या हमारे पास ऐसे बांध हैं? लेकिन ये प्रश्न बाद में पूछे जाएंगे, अभी नहीं.
रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद दिल्ली में आयोजित सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गैरमौजूदगी पर गहरी नाराजगी जताई थी. उन्होंने कहा कि जब देश गंभीर संकट से जूझ रहा हो, तब प्रधानमंत्री का ऐसी बैठक से दूर रहना दुर्भाग्यपूर्ण है. खरगे ने दावा किया कि बैठक में सरकार ने स्पष्ट रूप से सुरक्षा चूक की बात स्वीकार की, जो कि इस भीषण आतंकी हमले की एक प्रमुख वजह रही. उन्होंने कहा कि यह चूक केवल खुफिया स्तर पर नहीं, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था के हर स्तर पर हुई है.
सर्वदलीय बैठक में पीएम की अनुपस्थिति पर उठाए थे सवाल
सर्वदलीय बैठक के बाद खरगे ने कहा था कि मीटिंग में सबसे पहला सवाल मैंने यही उठाया कि जब सरकार खुद बैठक बुलाती है तो प्रधानमंत्री को उसमें शामिल होना चाहिए. चूंकि वे नहीं आए, इसलिए हमने कहा कि यह उचित नहीं है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक को नजरअंदाज कर बिहार में चुनावी रैली को प्राथमिकता दी.उन्होंने कहा कि आप बिहार में चुनावी भाषण देने जाते हैं. अगर वह (PM) बैठक में भाग नहीं ले रहे हैं, तो इसका मतलब है कि वह इस हमले को लेकर गंभीर नहीं हैं.
खरगे ने कहा कि हिंदी और अंग्रेजी में बात करने के बजाय, प्रधानमंत्री को यह बताना चाहिए था कि हमला कैसे हुआ, क्या यह सुरक्षा चूक थी, खुफिया एजेंसियों की विफलता, मुखबिरों की असफलता या पुलिस की चूक? उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री इस अहम बैठक में शामिल नहीं हुए, जो कि देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी बताया कि बैठक की अध्यक्षता कर रहे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि पहलगाम हमले में सुरक्षा चूक हुई थी, जिसके कारण 26 निर्दोष लोगों की जान गई.
बैठक के बाद क्या कहा था खरगे ने?
खरगे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी कहा कि इस घटना को एक राष्ट्रीय चुनौती के रूप में लेना चाहिए और ऐसी पुख्ता व्यवस्था करनी चाहिए कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न दोहराई जाएं. उन्होंने कहा कि जो हो गया, उसे सुधारा नहीं जा सकता, लेकिन हमें भविष्य में ऐसी चूक की कोई गुंजाइश नहीं छोड़नी चाहिए. कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि गृह मंत्री शाह ने सभी दलों को यह आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होगी और सरकार हरसंभव कदम उठाएगी.
खरगे ने चिंता जताई कि तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद सरकार आम नागरिकों की सुरक्षा करने में असफल रही. उन्होंने कहा कि इस चूक से सरकार की तैयारियों पर सवाल उठते हैं और इसे लेकर सख्त आत्ममंथन की जरूरत है.