पाकिस्तान ने हाफिज सईद के संगठन सहित 83 आतंकी समूहों की फंडिंग पर लगाया प्रतिबंध
ट्रंप के सत्ता में आने के बाद सभी आतंकवादी संगठन डरे हुए हैं. इतना ही नहीं, आतंकियों के पनाहगार पाकिस्तान जैसे देश भी ट्रंप के तेवर से परेशान है, ऐसे में हाल ही पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने प्रतिबंधित संगठनों को किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता या दान देने के खिलाफ सख्त चेतावनी जारी की है. गृह विभाग ने शुक्रवार को एक अपडेटेड लिस्ट जारी कर नागरिकों से अपील की कि वे केवल रजिस्टर्ड और कानूनी रूप से मान्य चैरिटी संगठनों को ही दान करें. इस सूची में हाफिज सईद के नेतृत्व वाले लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन सहित कई अन्य संगठनों को प्रतिबंधित समूहों के रूप में नामित किया गया है.
पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठनों की सूची तैयार करने की प्रक्रिया 14 अगस्त 2001 को शुरू हुई थी, जब लश्कर-ए-झांगवी और सिपाह-ए-मुहम्मद पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाया गया था. इसके बाद 14 जनवरी 2002 को जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, सिपाह-ए-सहाबा पाकिस्तान, तहरीक-ए-इस्लामी और तहरीक-ए-निफाज-ए-शरीयत-ए-मोहम्मदी को भी प्रतिबंधित कर दिया गया.
पंजाब सरकार का कड़ा रूख
पंजाब सरकार ने स्पष्ट किया कि प्रतिबंधित संगठनों को कोई भी दान देना आतंकवाद-रोधी अधिनियम 1997 के तहत अपराध माना जाएगा. ऐसे संगठनों को सहायता देने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. सरकार ने यह भी कहा कि पंजाब में सभी चैरिटी संगठनों को पंजाब चैरिटी कमीशन में पंजीकृत होना अनिवार्य है, और नागरिकों को केवल उन्हीं संगठनों को दान देना चाहिए जो आधिकारिक रूप से प्रमाणित हैं.
आतंकवादी संगठनों पर प्रहार
गृह विभाग ने जनता को निर्देश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनका दान जरूरतमंदों तक पहुंचे न कि आतंकवादी संगठनों के हाथों में जाए. सभी पंजीकृत संगठनों की जानकारी पंजाब चैरिटी कमीशन की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई है। सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि यदि उन्हें किसी भी संगठन द्वारा संदिग्ध गतिविधियां, धोखाधड़ी, आतंकवाद या देश-विरोधी कार्यों में लिप्त होने की सूचना मिले तो वे तुरंत गृह विभाग को सूचित करें. प्रतिबंधित संगठनों द्वारा धन संग्रह की किसी भी जानकारी को टोल-फ्री नंबर 0800-11111 या हेल्पलाइन नंबर 042-99214871 और 042-99214872 पर रिपोर्ट किया जा सकता है. सरकार ने साथ ही दोहराया कि दान केवल कानूनी रूप से पंजीकृत चैरिटी संगठनों को ही किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह धन आतंकवादी संगठनों के पास न पहुंचे.